सन् 2000 के बाद बना है आपका ड्राइविंग लाइसेंस तो अभी पढ़ें ये खबर वरना बाद में बहुत पछताएंगे

सन् 2000 के बाद बना है आपका ड्राइविंग लाइसेंस तो अभी पढ़ें ये खबर वरना बाद में बहुत पछताएंगे

फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस (DL) को खत्म करने के लिए सरकार उसे आधार कार्ड से लिंक कराने का कदम उठाने जा रही है।
इसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी देते हुए कहा कि अब वाहन चालकों को अपना ड्राइविंग लाइसेंस, आधार से लिंक कराना होगा। इसके लिए सरकार एक सॉफ्टवेयर भी बना रही है। वर्ष 2000 के बाद बने सभी स्मार्ट लाइसेंसों को आधार से जोड़ा जाएगा।

यदि इसे लिंक नहीं कराया तो DL रद्द भी किया जा सकता है। इससे पहले आधार से बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबर, पेन कार्ड, वोटर ID कार्ड, राशन कार्ड, LPG कनेक्शन कार्ड या अन्य डॉक्युमेंट्स को भी लिंक कराया जा चुका है।
सरकार के मुताबिक वो एक ऐसा सॉफ्टवेयर बना रही है जिससे ड्राइविंग लाइसेंस को आसानी से आधार कार्ड से लिंक किया जा सकेगा। इससे जिन लोगों के पास फर्जी लाइसेंस है उनकी डिटेल सामने आ जाएगा। या फिर वो लाइसेंस ऑटोमैटिक खत्म हो जाएंगे।

सड़क सुरक्षा पर कोर्ट की बनाई एक कमेटी ने जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्‍ता की बेंच को जानकारी देते हुए बताया कि उन्‍होंने रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्‍ट्री से मुलाकात करके फर्जी लाइसेंस सहित सड़क सुरक्षा को लेकर कई मुद्दों पर बातचीत की। सरकार NIC के साथ मिलकर एक सॉफ्टवेयर सार्थी-4 बना रही है, जिससे DL को आधार से लिंक किया जा सकेगा।

सरकार का कहना है कि एक बार जब ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंग कर दिया जाएगा तो सड़कों पर होने वाले क्राइम भी कम हो जाएंगे। इसके लिए इस सॉफ्टवेयर से सभी राज्यों को धीरे-धीरे जोड़ा जाएगा। जब ये आपस में कनेक्ट हो जाएंगे तब इंडिया के सभी वाहन चालकों की डिटेल आसानी से मिल जाएगी

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