नई दिल्ली. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2020 ) पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. अगर आप भी सोना या फिर सोने के गहने (Gold Jewellery) खरीदने जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है.
क्योंकि सोने (Gold) के गहने खरीदने के नियम बदल गए है. सरकार ने सोने और चांदी की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग (Gold Jewellery Hallmarking) अनिवार्य कर दी है. नए नियम के तहत गहनों की बिक्री के लिए 1 साल का समय दिया है.
15 जनवरी, 2021 के बाद से बगैर हॉलमार्किंग का गहना बेचना कानून अपराध होगा. इसके लिए आभूषण विक्रेता को जुर्माना या सजा या फिर दोनों हो सकते हैं.
क्या है सोना बेचने और खरीदे के नए नियम -
केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने इस साल की शुरुआत में बताया था कि सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की प्रक्रिया 15 जनवरी 2020 से शुरू हो रही है और

एक साल बाद 15 जनवरी, 2021 से यह कानून लागू हो जाएगा. इस कानून के लागू होने के बाद बगैर हॉलमार्क के सोने के गहने बेचने पर ज्वेलर्स को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है और उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है.
क्या होती है हॉलमार्किंग-
हॉलमार्किंग से ज्वेलरी में सोने कितना लगा है और अन्य मेटल कितने हैं इसके अनुपात का सटीक निर्धारण एवं आधिकारिक रिकार्ड होता है. नए नियमों के तहत अब सोने की ज्वेलरी की हॉल मार्किंग होना अनिवार्य होगा. इसके लिए ज्वेलर्स को लाइसेंस लेना होगा.
आम ग्राहकों को होगा फायदा-
सोने के गहनों पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने का आदेश 15 जनवरी, 2020 को जारी हो गया है. इससे आम उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए सोने के गहने पर अब हॉलमार्क को अनिवार्य किया जा रहा है.
क्योंकि सोने (Gold) के गहने खरीदने के नियम बदल गए है. सरकार ने सोने और चांदी की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग (Gold Jewellery Hallmarking) अनिवार्य कर दी है. नए नियम के तहत गहनों की बिक्री के लिए 1 साल का समय दिया है.
15 जनवरी, 2021 के बाद से बगैर हॉलमार्किंग का गहना बेचना कानून अपराध होगा. इसके लिए आभूषण विक्रेता को जुर्माना या सजा या फिर दोनों हो सकते हैं.
क्या है सोना बेचने और खरीदे के नए नियम -
केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने इस साल की शुरुआत में बताया था कि सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की प्रक्रिया 15 जनवरी 2020 से शुरू हो रही है और

एक साल बाद 15 जनवरी, 2021 से यह कानून लागू हो जाएगा. इस कानून के लागू होने के बाद बगैर हॉलमार्क के सोने के गहने बेचने पर ज्वेलर्स को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है और उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है.
क्या होती है हॉलमार्किंग-
हॉलमार्किंग से ज्वेलरी में सोने कितना लगा है और अन्य मेटल कितने हैं इसके अनुपात का सटीक निर्धारण एवं आधिकारिक रिकार्ड होता है. नए नियमों के तहत अब सोने की ज्वेलरी की हॉल मार्किंग होना अनिवार्य होगा. इसके लिए ज्वेलर्स को लाइसेंस लेना होगा.

आम ग्राहकों को होगा फायदा-
सोने के गहनों पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने का आदेश 15 जनवरी, 2020 को जारी हो गया है. इससे आम उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाने के लिए सोने के गहने पर अब हॉलमार्क को अनिवार्य किया जा रहा है.
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