किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल करना काफी मुश्किल होता है और परीक्षार्थी इन परीक्षाओं को पास करने के लिए कोचिंग का सहारा लेते हैं. लेकिन अगर आप किसी खास रणनीति और मेहनत से तैयारी करें तो बिना कोचिंग के सफलता हासिल की जा सकती है. कई छात्रों ने सिविल सर्विसेज जैसी कठिन परीक्षाओं को भी बिना कोचिंग किए पास किया है...
अच्छी रणनीति अपनाएं- पैटर्न जानने के बाद इसके लिए एक रणनीति बनाएं. जिसमें आप यह चिह्नित करें कि आपको किस टॉपिक या किस विषय में दिक्कत है और आप किस क्षेत्र में मजबूत है. उसके आधार पर अलग अलग विषयों को टाइम दें और परीक्षा की तैयारियों में जुट जाना चाहिए.
क्या पढ़ना है- आपको यह जानना जरूरी है कि आपको किस-किस विषय की पढ़ाई करनी है और उसमें कौन-कौन से टॉपिक महत्वपूर्ण हैं. ऐसा जानने के बाद उनकी तैयारी शुरू करें और उसी आधार पर स्टडी मैटेरियल तैयार करें.
डिजिटल लर्निंग से रहें अव्वल- इंटरनेट के दौर में अधिकतर टॉपिक की जानकारी या लेक्चर इंटरनेट पर मौजूद हैं, जहां से आप इसकी पढ़ाई कर सकते हैं. कई ऐसे चैनल हैं जो बिना फीस के कोचिंग की तरह ही पढ़ाई करवाते हैं. ऐसे में आप उनकी मदद ले सकते हैं.
परीक्षा पैटर्न को समझें- किसी भी परीक्षा में बैठने से पहले अच्छे से समझ लें कि इस परीक्षा का सिलेबस क्या है और उसमें किस-किस आधार पर सवाल पूछे जाते हैं. आप पहले पूरे पैटर्न को समझे ताकि आपका एक माइंड केंद्रित हो सके. पूरे सिलेबस और पैटर्न के बारे में जानकर आगे के लिए प्लान बनाएं.
प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों का लें सहारा- वैसे तो आप हर टॉपिक को पूरी तरह से पढ़ना चाहिए, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं में आपको सवाल आदि के बारे में पता चल जाएगा. इससे ना सिर्फ आपकी प्रेक्टिस होगी, बल्कि आपको एक पैटर्न के बारे में जानकारी मिलेगी और आपको पेपर हल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
स्टडी मैटेरियल- किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए उससे संबंधित विषय वस्तु का होना बहुत अहम होता है. अगर उससे संबंधित आपके पास सामग्री नहीं है तो आप कम्पटीशन में कभी भी सफलता नहीं प्राप्त कर सकते है. आप स्टडी रूम में कम्पटीशन एग्जाम से संबंधित सभी बुक्स और अन्य सामग्री को पास में ही रखें.
नोट्स जरूर बनाएं- जब आप परीक्षा की तैयारी करते हैं तो उसके नोट्स बनाते जाएं, जिससे आपको चीजें अच्छे से याद होंगी और रिविजन के वक्त भी आसानी होगी. नोट्स बनते समय टॉपिक्स को पॉइंट वाइज लिखे, अन्यथा समझने में समस्या आ सकती है.
अच्छी रणनीति अपनाएं- पैटर्न जानने के बाद इसके लिए एक रणनीति बनाएं. जिसमें आप यह चिह्नित करें कि आपको किस टॉपिक या किस विषय में दिक्कत है और आप किस क्षेत्र में मजबूत है. उसके आधार पर अलग अलग विषयों को टाइम दें और परीक्षा की तैयारियों में जुट जाना चाहिए.
क्या पढ़ना है- आपको यह जानना जरूरी है कि आपको किस-किस विषय की पढ़ाई करनी है और उसमें कौन-कौन से टॉपिक महत्वपूर्ण हैं. ऐसा जानने के बाद उनकी तैयारी शुरू करें और उसी आधार पर स्टडी मैटेरियल तैयार करें.
परीक्षा पैटर्न को समझें- किसी भी परीक्षा में बैठने से पहले अच्छे से समझ लें कि इस परीक्षा का सिलेबस क्या है और उसमें किस-किस आधार पर सवाल पूछे जाते हैं. आप पहले पूरे पैटर्न को समझे ताकि आपका एक माइंड केंद्रित हो सके. पूरे सिलेबस और पैटर्न के बारे में जानकर आगे के लिए प्लान बनाएं.
प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों का लें सहारा- वैसे तो आप हर टॉपिक को पूरी तरह से पढ़ना चाहिए, लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं में आपको सवाल आदि के बारे में पता चल जाएगा. इससे ना सिर्फ आपकी प्रेक्टिस होगी, बल्कि आपको एक पैटर्न के बारे में जानकारी मिलेगी और आपको पेपर हल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
स्टडी मैटेरियल- किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए उससे संबंधित विषय वस्तु का होना बहुत अहम होता है. अगर उससे संबंधित आपके पास सामग्री नहीं है तो आप कम्पटीशन में कभी भी सफलता नहीं प्राप्त कर सकते है. आप स्टडी रूम में कम्पटीशन एग्जाम से संबंधित सभी बुक्स और अन्य सामग्री को पास में ही रखें.
नोट्स जरूर बनाएं- जब आप परीक्षा की तैयारी करते हैं तो उसके नोट्स बनाते जाएं, जिससे आपको चीजें अच्छे से याद होंगी और रिविजन के वक्त भी आसानी होगी. नोट्स बनते समय टॉपिक्स को पॉइंट वाइज लिखे, अन्यथा समझने में समस्या आ सकती है.
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