सीकर. जिले की बेटियां शिक्षा को महत्व ही नहीं दे रही बल्कि शिक्षा का संदेश भी आमजन को दे रही है। कितना ही महत्वपूर्ण कार्य हो या जीवन की बड़ी रस्म, उनके लिए शिक्षा ही पहली प्राथमिकता है।
सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ शहर के सदाबहार मोहल्ले की रहने वाली प्रियंका शर्मा ने भी गुरुवार को समाज को कुछ ऐसा ही संदेश दिया। पवन कुमार शर्मा व नीलम शर्मा की इस बेटी की आखातीज पर बुधवार को शादी हुई।
फेरों की रस्म गुरुवार सुबह साढ़े पांच बजे तक चली। इसके बाद उसे ससुराल गांव बेरास के लिए रवाना होना था, लेकिन जब उसकी डोली उठने का समय था, उसी समय उसकी पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विवि सीकर की एमकॉम फाइनल की परीक्षा थी।
परीक्षा का समय सुबह सात से दस बजे का था। प्रियंका ने डोली में बैठने से पहले सीकर में स्थित राजकीय कॉमर्स कॉलेज में आकर एमकॉम के ईएएफएम के तीसरे पेपर इंडियन बैंकिंग सिस्टम की परीक्षा दी। इसके बाद पीहर लक्ष्मणगढ़ पहुंची।
फिर ससुराल गांव बेरास में जाने की रस्में पूरी की। प्रियंका ने राजस्थान पत्रिका डॉट कॉम को बताया कि शिक्षा ही है जो जीवन को खुशहाल बना सकती है। हर परिवार को बेटियों को शिक्षित ही नहीं बल्कि उच्च शिक्षित करना होगा। प्रिंयका का पति मुकेश जयपुर में कोचिंग करवाता है।
एक तरफ सीकर में प्रियंका शर्मा ने शादी पर शिक्षा का संदेश भी दिया वहीं दूसरी ओर झुंझुनूं जिले की बेटी हिमानी ने भी इस तरह का अनूठा कार्य किया है। हिमानी की शादी बिसाऊ के जाटिया स्कूल के प्रधानाचार्य कमलेश तेतरवाल के बेटे संयम के साथ हुई।
ससुराल पहुंचने के बाद सास-ससुर ने बहू को मुंह दिखाई की रस्म में कार गिफ्ट की। वहीं दुल्हन हिमानी ने 11 हजार रुपए का चेक झुंझुनूं जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव को सौंपा। यह राशि झुंझुनूं में कल्क्टर की क्लास में बेटियों की शिक्षा खर्च की जाएगी।
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Bhaiya ji ye srpk accha hai kya??
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