मुंगेली, बिलासपुर। रायपुर रोड परमहंस वार्ड रोड स्थित राम तलरेजा की सलौनी नमकीन फैक्टरी में जांच के लिए जिला प्रशासन की टीम पहुंची।
अंदर का नजारा देखकर टीम दंग रह गई। यहां कर्मचारी सलौनी बनाने के लिए पैरों से मैदे को गूंथ रहे थे। इसके अलावा कर्मचारी मॉस्क भी नहीं लगाए थे। साफ सफाई का अभाव होने के कारण टीम ने फैक्टरी को सील कर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की है।
नमक की हो रही कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए खाद्य एवं औषधि विभाग, नापतौल और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनी हुई है।
बुधवार को टीम के सदस्य फैक्टरी की औचक जांच के लिए पहुंचे। फैक्टरी में सलौनी निर्माण के लिए उनके कर्मचारी द्वारा बिना मॉस्क लगाए पैर से मैदा को मिलाया जा रहा था।
इसी मैदे से सलौनी भी तला जा रहा था। फैक्टरी में साफ-सफाई का भी अभाव था। सलौनी की पैकिंग में न ही निर्माण कंपनी का नाम था और न ही निर्माण तिथि।
इसके अलावा दर का भी उल्लेख नहीं था। जिला मुख्यालय में संचालित नमकीन फैक्टरी वर्षों से संचालित हो रही है। गौरतलब है कि संचालक की ओर से सलौनी का पैकेट बनाकर इसे बाजार में बेचा जाता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में इसे आसानी से खपाया जाता है।
अंदर का नजारा देखकर टीम दंग रह गई। यहां कर्मचारी सलौनी बनाने के लिए पैरों से मैदे को गूंथ रहे थे। इसके अलावा कर्मचारी मॉस्क भी नहीं लगाए थे। साफ सफाई का अभाव होने के कारण टीम ने फैक्टरी को सील कर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की है।
नमक की हो रही कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए खाद्य एवं औषधि विभाग, नापतौल और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बनी हुई है।
बुधवार को टीम के सदस्य फैक्टरी की औचक जांच के लिए पहुंचे। फैक्टरी में सलौनी निर्माण के लिए उनके कर्मचारी द्वारा बिना मॉस्क लगाए पैर से मैदा को मिलाया जा रहा था।
इसी मैदे से सलौनी भी तला जा रहा था। फैक्टरी में साफ-सफाई का भी अभाव था। सलौनी की पैकिंग में न ही निर्माण कंपनी का नाम था और न ही निर्माण तिथि।
इसके अलावा दर का भी उल्लेख नहीं था। जिला मुख्यालय में संचालित नमकीन फैक्टरी वर्षों से संचालित हो रही है। गौरतलब है कि संचालक की ओर से सलौनी का पैकेट बनाकर इसे बाजार में बेचा जाता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में इसे आसानी से खपाया जाता है।
हमारे रायपुर भनपुरी में छत्तीसगढ़ जुट इंडस्टिस कंपनी में हमारा पेमेंट नही हुआ है जो लॉक डाउन में मिलना था वो नही मिला 2 महीनों का
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