अगस्त से डॉक्टर्स को सीखनी होगी छत्तीसगढ़ी, अब कमर दर्द नहीं कहना होगा कनिहा पिराना....घुटनों में दर्द: माड़ी पिराना...किसी बीमारी को क्या कहेंगे आइये जानते हैं
रायपुर। प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर है। खास बात यह है छत्तीसगढ़ी बोली सिर्फ प्रदेश के मेडिकल छात्रों को ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से आकर मेडिकल की पढ़ाई करने वालों डॉक्टरों को भी इसे सिखाया जाएगा।
वहीं हिंदी भाषी राज्यों से आने वाले ​हिंदी मीडियम के कई छात्र अंग्रेजी में कमजोर होते हैं, इसलिए उन्हें अंग्रेजी सिखाई जाएगी।

दरअसल, मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (MCI) ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को स्थानीय बोलियों व भाषाओं की जानकारी छात्रों व डॉक्टर्स को देने के निर्देश दिए हैं।

छत्तीसगढ़ में मेडिकल कॉलेज की 1100 सीट में 15 प्रतिशत आल इंडिया कोटा और 3 प्रतिशत सेंट्रल पूल कोटा होता है। देखा गया है कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों से आने वाले छात्रों को छत्तीसगढ़ी की जानकारी नहीं होती।

जिसकी वजह से डॉक्टर्स को उनकी बात समझने में और अपनी बात समझने में दिक्कत होती है। छत्तीसगढ़ी सीखने से मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज हो सकेगा।



किसी बीमारी को क्या कहेंगे

नाक से खून निकलना: नाक फूटना
कमर दर्द : कनिहा पिराना

गले में दर्द: घेंच पिराना
नाभि के नीचे दर्द : कोथा पिराना
घुटनों में दर्द: माड़ी पिराना
सिर दर्द : मुड़ या मुड़ी पिराना
दिल में दर्द : छाती पिराना गैंगरीन :
पांव व हाथ सड़ना पैर में चोट : गोड़ में घाव
उंगलियों में दर्द : अंगरी पिराना

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